Sheet Metal and Carpentry Tools

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• स्टील रूल, स्टेनलेस स्टील से निर्मित होता है। इसके द्वारा कम-से-कम 0.5 मिमी अथवा 1/6’' की लम्बाई मापी जा सकती है।

• स्टील स्क्वायर हार्ड स्टील की पत्ती का 'L' आकार का बना हुआ स्केल होता है, जिसकी दोनों भुजाएँ 90° पर होती हैं।

• डिवाइडर की सहायता से मार्किंग के लिए विभिन्न गोलाई व चाप लगाए जाते हैं, जिसके द्वारा 200 मिमी त्रिज्या के वृत्त या चाप लगाए जा सकते हैं।

• विंग कम्पास को किसी निश्चित दूरी तक खोलने के लिए विंग लगा होता है।

• 200 मिमी से अधिक त्रिज्या के वृत्त एवं चाप लगाने के लिए ट्रेमल (trammel) का प्रयोग किया जाता है।

• धातुओं पर मार्किंग के लिए स्क्राइबर एक महत्त्वपूर्ण औजार है, जिसका एक सिरा 90° पर मुड़ा होता है तथा दूसरे सिरे को 15° से 20° के कोण पर ग्राइण्ड किया जाता है।

• हथौड़े को कास्ट स्टील से फोर्जिंग द्वारा बनाया जाता है।

• क्रॉस पीन हैमर का प्रयोग चादर में ग्रूव बनाने अथवा उसे किसी कोण पर मोड़ने के लिए किया जाता है।

• मुलायम हथौड़े को मैलेट कहते हैं, जो लकड़ी, हार्ड रबर, कच्चा चमड़ा, नायलॉन, टेफलॉन, लैड अथवा ताँबे का बनाया जाता है।

• हाथ द्वारा चादरों को काटने के लिए स्निप का प्रयोग किया जाता है।यह हाई कार्बन स्टील से निर्मित कैंचीनुमा औजार होता है।

• स्निप के कटिंग ब्लेड की धार को लगभग 80° पर ग्राइण्ड किया जाता है।

• अधिक मोटी चादरों को काटने के लिए शीयर (shear) का प्रयोग किया जाता है। इसकी कटिंग एज को 87° के कोण पर ग्राइण्ड किया जाता है।

• चादरों को मोड़ने या जोड़ने में प्रयुक्त सर्पोट स्टेक (stake) कहलाता है, जो कास्ट स्टील का बना होता है।

• मैण्ड्रिल द्वारा धातुओं को बेलनाकार रूप में मोड़ा जाता है। इसकी लम्बाई 1.0 से 1.5 मीटर तथा व्यास 10 से 20 सेमी होता है।

• वह किनारा या बॉर्डर, जिसे फोल्डिंग द्वारा बनाया जाता है, हैम कहलाता है।

• शीट के टुकड़ों को आपस में जोड़ने के लिए बनाए गए जोड़, सीम कहलाते हैं।

• रूफिंग (roofing) तथा पैनलिंग (paneling) के लिए डबल ग्रूव्ड सीम जोड़ का उपयोग किया जाता है।

• बेलनाकार आकति के टॉप एवं बॉटम को परस्पर जोड़ने के लिए लैप सीम का उपयोग किया जाता है।

• शीट मैटल को ले-आउट से काटते समय, इसे जोड़ने हेतु कुछ अन्तराल उपलब्ध कराए जाते हैं, जोकि नॉच (notch) कहलाते हैं।

• रिवेटों को नर्म धातुओं से बनाया जाता है; जैसे-ताँबा, पीतल, एल्युमीनियम, माइल्ड स्टील आदि।

• रिवेट की लम्बाई एवं व्यास निम्न प्रकार से ज्ञात किए जाते हैं रिवेट की लम्बाई L= शीर्ष की लम्बाई = (t)+1.5x व्यास (d), रिवेट का व्यास, d=12x शीर्ष की लम्बाई (l)

• लैप जोड़ में जोड़ी जाने वाली चादरों के सिरों को एक-दूसरे के ऊपर चढ़ाकर रिवेटिंग करते हैं।

• बट जोड़ में जोड़ी जाने वाली चादरों के सिरों की टक्कर मिलाकर उनपर एक अतिरिक्त चादर का टुकड़ा रखकर रिवेटिंग की जाती है।

• प्लेटों के किनारों तथा रिवेटों के हैड के किनारों को प्लेट की सतह से मिलाने के लिए कॉकिंग औजार का प्रयोग किया जाता है।

• दो प्लेटों के किनारों को आपस में मिलाकर लीक प्रूफ जोड़ बनाने के लिए फल्लरिंग औजार का प्रयोग किया जाता है।

• कारपेन्टरी में 2 फीट लम्बाई तथा 4 पर्तों वाला फोल्डिंग पैमाना प्रयोग किया जाता है, जिसके अशांकनों की सूक्ष्मता 1 मिमी अथवा 1/16 इंच होती है।

• हस्त आरी के ब्लेड की लम्बाई सामान्यतः 26 इंच या 66 सेमी होती है। इसमें दाँतों की संख्या 4 से 10 प्रति इंच (TPI) होती है।

• कम्पास आरी की लम्बाई 25 से 40 सेमी होती है तथा इसके द्वारा कम जगह से तिरछी कटाई की जाती है।

• लकड़ी के रेशों को काटने हेतु रिप आरी (rip saw) का प्रयोग किया जाता है। इसमें प्रति इंच 2 दाँते होते हैं और इन दाँतों का कोण 60° होता है।

• क्रॉस-कट आरी की लम्बाई 25" से 30" होती है। इसमें प्रति इंच 5 से 7 दाँते होते हैं, जिनका कोण 70° से 85° तक होता है।

• कॉपिंग आरी का फ्रेम लोहे का बना होता है। इसके फ्रेम में लगे ब्लेड की लम्बाई 5” से 8” तक होती है।

• लकड़ी की सतह को समतल एवं चिकना बनाने वाला औजार, रन्दा (plane) कहलाता है।

• जैक रन्दे की लम्बाई 35 सेमी तथा इसके ब्लेड की चौड़ाई 5 सेमी होती है।

• चिकने रन्दे (smoothing plane) की लम्बाई 20 से 25 सेमी होती है तथा इसका ब्लेड 4 सेमी चौड़ा होता है।

• फर्मर छेनी (firmer chisel) का ब्लेड आयताकार होता है, जिसकी चौड़ाई 0.3 से 5.0 सेमी तक होती है तथा लम्बाई 15 से 30 सेमी तक होती है।

• पैरिंग छेनी का ब्लेड बेवेल्ड किनारों वाला तथा 25 से 30 सेमी लम्बा होता है। इसका उपयोग लकड़ी को चीरने तथा काष्ठ जोड़ों की सफाई करने के लिए किया जाता है।

• लकड़ी के खण्डों में आयताकार छिद्र बनाने के लिए मॉर्टिस छेनी का उपयोग किया जाता है।

• औजारों को जंग से बचाने के लिए इन पर समय-समय पर विशेषकर बरसात के मौसम में, मोबिल ऑयल अथवा ग्रीस का हल्का लेप कर देना चाहिए।

 

 

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